बुधवार, 15 मई 2013

घाघ कवि और भड्डरी




घाघ की कहावतें

घाघ की ज़्यादातर कहावतें कृषि से सम्बंधित हैं. कुछ कहावतें नीति की भी हैं. वैसे बिहार में भड्डरी की कहावतें भी घाघ के ही नाम से प्रसिद्द हैं. घाघ ने छोटे-छोटे मन्त्रों में बड़े-बड़े अनुभवों के गूढ़ तत्व भर दिए हैं. उनमें किसानों के अनेक सुखों और दु:खों के जीते-जागते चित्र हैं.


भड्डरी की कहावतें

भड्डरी की कहावतें प्रायः वर्षा विषयक हैं. वैसे उन्होंने शकुन, छिपकली, दिशाशूल इत्यादि पर भी कहावतें कही हैं. मेघमाला नामक ग्रन्थ में भड्डरी की कहावतों के कुछ मूल श्लोक मिलती हैं किन्तु ज़्यादातर कहावतें स्वतंत्र मालूम होती हैं.

             भड्डरी की कहावतें बिहार, मध्यप्रदेश और युक्तप्रान्त से लेकर सारे राजपुताना और पंजाब तक फैली हुई हैं.

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